Sunday 15 March 2015

फिर एक बार

बहुत समय से सोच रहा था की लिखना फिर से शुरू करूँ मगर कुछ आलस व व्यस्तता के चलते शुरू ही नहीं कर पा रहा था। ख़ैर अब शुरू करते है, एक नयी सलेट पर। पुराना सब हटा दिया है, अगर नहीं मिटाता तो उसी मे बार बार खो कर लिखना मुश्किल हो जाता है। इस बार निरंतरता का ख़याल रखूँगा । बहुत दिनों से कुछ पढ़ा भी नहीं है, लप्रेक पढ़ना है।